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सुमुखी सवैया




सुमुखी सवैया

        मापनी-

121 121 121 121,121 121 121 12 (23 वर्ण)


विश्राम करो उस धाम जहान जहाँ प्रभु राम कभी ठहरे।

प्रणम्य वही प्रिय आश्रम पावन धन्य सदेह सुवास भरे।

सुधारत जीवन की बगिया प्रिय राम विराजत शांत हरे।

दसानन को ललकारत जो वह राम -सुधाम अनंत परे।


अनाथन के प्रिय राम महान सदा दुख अंत किया करते।

निकाय अनंत बने चलते सबका हितसाधक सा रहते।

मनोरथ पूर किया करते सबकी सुनते गुनते चलते।

निहारत हैं सबको नित देत प्रसाद सुभक्ति सप्रेम मते।





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1 Comments

Renu

25-Jan-2023 03:57 PM

👍👍🌺

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